सरकारी सूत्रों ने बताया कि चुनाव को देखते हुए करों के स्लैब को सुव्यवस्थित करने की योजना बनाई गई है, जो किसी भी स्थिति में आगामी प्रत्यक्ष कर संहिता के अनुरूप होंगे.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि चुनाव को देखते हुए करों के स्लैब को सुव्यवस्थित करने की योजना बनाई गई है, जो किसी भी स्थिति में आगामी प्रत्यक्ष कर संहिता के अनुरूप होंगे. इसमें यह समस्या आ सकती है कि प्रत्यक्ष कर संहिता रिपोर्ट के आने से पहले आम बजट 28 फरवरी को आ जाएगा, जिससे रिपोर्ट जारी होने से पहले दरों से छेड़छाड़ इसे विवादास्पद बना देगा. नए प्रत्यक्ष कर संहिता के दायरे में ज्यादा से ज्यादा कर निर्धारती (एसेसी) को कर के दायरे में लाने की कोशिश की जाएगी, ताकि अलग-अलग वर्गो के करदाताओं के लिए अधिक न्यायसंगत प्रणाली बनाई जाए, कॉर्पोरेट कर में कमी की जाए और व्यवसायों को प्रतिस्पर्धी बनाई जाए.
31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा संसद का बजट सत्र, 1 फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट
वर्तमान में, 2.5 लाख रुपये की आय को निजी आयकर से छूट प्राप्त है, जबकि 2.5-5 लाख रुपये के बीच की सालाना आय पर 5 फीसदी कर लगता है, जबकि 5-10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी कर लगता है. जबकि 80 साल के अधिक की उम्र के नागरिकों को 5 लाख रुपये सालाना की आय पर कर छूट प्राप्त है.