source:oneindia
नई दिल्ली। बीते गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए हैं। इस हमले को लेकर देशभर में शोक और गुस्से का माहौल है। अन्य कई लोगों की तरह सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी इसपर प्रतिक्रिया दिखाई है। उन्होंने कहा है कि- वे बंदूक तो नहीं उठा सकते लेकिन सैनिकों का ट्रक चलाने का जज्बा अब भी रखते हैं। बता दें कि एक समय में अन्ना हजारे सेना में एक चालक ही थे।
भारत पाक युद्ध के दौरान सेना में थे अन्ना अन्ना हजारे ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि- ‘बुजुर्ग होने के कारण मैं बंदूक नहीं उठा सकता लेकिन अगर जरूरत हुई तो मैं देश के लिए लड़ाई करने वाले अपने सैनिकों को पहुंचाने के लिए निश्चित रूप से वाहन चला सकता हूं।' बता दें कि साल 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध के समय वे खेम सेक्टर में तैनात थे। अन्ना तब भी सेना में बतौर चालक ही थे।
होगा आंतिकियों की हैवानियत का हिसाब पुलवामा में हुए इस आतंकी हमले को लेकर हर कोई बदले की मांग कर रहा है और केंद्र सरकार से आस लगाए हुआ है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को आश्वासन दिया है कि हमारे शहीदों की ये शहादत बेकार नहीं जाएगी। आतंकियों और उनके आकाओं को अपनी इस हैवानियत का हिसाब देना होगा। पीएम ने कहा कि बदले के लिए सेना को खुली छूट दे दी गई है। बता दें कि इससे पहले साल 2016 में उरी में हुए हमले को लेकर पीएम ने बदले का आश्वासन दिया था और सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए बदले का दावा भी किया गया था।
नई दिल्ली। बीते गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए हैं। इस हमले को लेकर देशभर में शोक और गुस्से का माहौल है। अन्य कई लोगों की तरह सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी इसपर प्रतिक्रिया दिखाई है। उन्होंने कहा है कि- वे बंदूक तो नहीं उठा सकते लेकिन सैनिकों का ट्रक चलाने का जज्बा अब भी रखते हैं। बता दें कि एक समय में अन्ना हजारे सेना में एक चालक ही थे।
भारत पाक युद्ध के दौरान सेना में थे अन्ना अन्ना हजारे ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि- ‘बुजुर्ग होने के कारण मैं बंदूक नहीं उठा सकता लेकिन अगर जरूरत हुई तो मैं देश के लिए लड़ाई करने वाले अपने सैनिकों को पहुंचाने के लिए निश्चित रूप से वाहन चला सकता हूं।' बता दें कि साल 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध के समय वे खेम सेक्टर में तैनात थे। अन्ना तब भी सेना में बतौर चालक ही थे।
होगा आंतिकियों की हैवानियत का हिसाब पुलवामा में हुए इस आतंकी हमले को लेकर हर कोई बदले की मांग कर रहा है और केंद्र सरकार से आस लगाए हुआ है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को आश्वासन दिया है कि हमारे शहीदों की ये शहादत बेकार नहीं जाएगी। आतंकियों और उनके आकाओं को अपनी इस हैवानियत का हिसाब देना होगा। पीएम ने कहा कि बदले के लिए सेना को खुली छूट दे दी गई है। बता दें कि इससे पहले साल 2016 में उरी में हुए हमले को लेकर पीएम ने बदले का आश्वासन दिया था और सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए बदले का दावा भी किया गया था।